पानीपत के लाल का हंगरी में कमाल ओलम्पिक के बाद अब बना विश्व चैम्पियन खेलपथ संवाद नई दिल्ली। आज खेल दिवस की औपचारिता मनाने में देश मशगूल है लेकिन समूची दुनिया में इस वक्त हिन्दुस्तान के लाल नीरज चोपड़ा की ही बातें हो रही हैं। ओलम्पिक के बाद विश्व चैम्पियन बन नीरज चोपड़ा ने खेलों के कई मिथक तोड़ दिए हैं। पानीपत के लाल नीरज ने देश को जो इज्जत दिलाई है, वह अप्रतिम है। राग-रागनियों और पहलवानों के हरियाणा से अब भारत को दुनिया म.......
ऐतिहासिक सफलता से गौरवान्वित हुआ देश खेलपथ संवाद नई दिल्ली। समूचा हिन्दुस्तान इस समय चंद्रयान-3 की सफलता से हर्षित है। समूची दुनिया भारत की जय-जयकार कर रही है। निस्संदेह, यह चंद्रमा पर भारतोदय है। भारतीयों की आस्था व साहित्य के तमाम प्रतीक-प्रतिमानों में गहरे तक ऊंचा स्थान रखने वाले चंद्रमा पर भारतीय मेधा की दस्तक विषमयकारी है। जिस भारत को पश्चिमी देश हेयदृष्टि से सांप-सपेरों का देश कहते थे, उसके वैज्ञानिकों ने वो करिश्मा कर दिखाया क.......
हॉकी का पुराना गौरव लौटने की उम्मीद खेलपथ संवाद चेन्नई। चेन्नई में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय जांबाजों ने आखिरकार ट्रॉफी पर कब्जा कर ही लिया। वैसे तो पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम विजेता की तरह खेली और उसने सात में से छह मैच जीते और एक ड्रॉ कराया। हालांकि फाइनल में पहले हॉफ में वह मलेशिया से पिछड़ती नजर आई। लेकिन आखिरी समय में भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने हमले में पैनापन दिखाया और मलेशिया को हरा चैम्पियंस ट्रॉफी भारत की झोली म.......
खेल शुभचिंतकों की नकली मुस्कानों से खिलाड़ी आहत श्रीप्रकाश शुक्ला नई दिल्ली। ओलम्पिक हो या कोई अन्य खेल, हमारे यहां खेलों के भीतर का खेल चलता रहता है। असल में हमारा देश एक साजिश प्रधान देश है। यहां साजिशों के खेल और खेल के भीतर साजिशें होती रहती हैं। इन साजिशों से जूझना हमारी नियति भी है और शौक भी। हमारे देश में खेल शुभचिंतकों की कुटिल मुस्कानों से खिलाड़ी आहत हैं। यहां तरह-तरह की साजिशें मुंहबाए शिकार की तलाश में घूमती .......
तीन करोड़ आबादी में 66 लाख नशैलची खेलपथ संवाद चंडीगढ़। पंजाब पर नशे का भूत सवार है। नशा ही समृद्ध राज्य को खोखला कर रहा है। यह खतरा भयावह है लेकिन पंजाब सरकार बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसकर युवाओं का भविष्य बचा सकती है। प्रदेश के लोगों को नशे से बचाया जाना जरूरी है क्योंकि पंजाब की जवानी को नशा खाए जा रहा है। पंजाब में लगातार बढ़ते नशीली दवाओं के शिकंजे का खतरा जितना भयावह है, हम उसका अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसे वक्त में जब न.......
आठ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही हैं किसी भी राष्ट्र के विकास की मुख्य कड़ी शिक्षा ही है लेकिन हमारे देश में शिक्षा के उत्थान का सिर्फ ढिंढोरा पीटा जा रही है। यह हमारे तंत्र की विफलता ही कही जायेगी कि देश में युवाओं की जरूरत के अनुरूप विश्वविद्यालयों का अभाव था और आज भी है। जो सरकारी विश्वविद्यालय व संस्थान देश में मौजूद हैं भी, वे समय की जरूरतों के साथ कदमताल नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि सुनहरे भविष्य की आकांक्षाओं के ल.......
फिट इंडिया के तहत भारत सरकार दे रही बढ़ावा खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारतीय खेल मंत्रालय इस समय फिट इंडिया के तहत स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। लेकिन अभी भी बहुत से स्वदेशी खेल ऐसे हैं जिन्हें सरकार की तरफ से बढ़ावा मिलना चाहिए। फिट इंडिया कैम्पेन में भारत के 19 स्वदेशी खेलों को शामिल किया गया है, जिसमें कबड्डी, कुश्ती अखाड़ा, खो-खो, गिल्ली डंडा और कई अन्य खेल शामिल हैं। भारत विविधताओं का देश है, जहां जि.......
चोटी के संस्थानों में 69 छात्रों ने की आत्महत्याएं खेलपथ संवाद नई दिल्ली। यूं तो अल्पायु में हर मौत देश, समाज व परिवार की अपूरणीय क्षति होती है, लेकिन देश के शीर्ष पेशेवर शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की मौत का हालिया आंकड़ा दुखद व विचलित करने वाला है। ये वे प्रतिभाशाली छात्र थे जो कड़ी मेहनत व परिवार के त्याग से इस मुकाम तक पहुंचे थे। लाखों छात्रों में चुने गये प्रतिभाशाली छात्र थे, जिनसे देश को बड़ी उम्मीदें थीं। .......
कुछ भेड़िए खेल संघों से धन वसूली में व्यस्त खेलपथ संवाद नई दिल्ली। उम्मीद थी कि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया नये रूप और रंग रोगन के साथ अवतरित होगा लेकिन भारतीय ओलम्पिक संघ की तर्ज पर जनवरी में हुए चुनाव के बाद भी ऐसी धमक अभी तक नहीं दिखी है। नए सत्र का कलेंडर अभी तक नहीं बना है तो कुछ खेलों पर गाज गिरना तय है। एसजीएफआई का आकार प्रकार काफी कुछ भारतीय ओलम्पिक संघ जैसा हो गया है, जिस पर अब देश के खेल मंत्रालय और भारतीय खे.......
रियाज खान की बेटियों ने उच्च शिक्षा हासिल कर बढ़ाया गौरव खेलपथ संवाद चंडीगढ़। शिक्षा व्यक्ति के गुणों में इजाफा करने के साथ समाज के विकास में सहायक होती है। सचमुच यदि मां-बाप ठान लें कि शिक्षा में ही बच्चों का भविष्य निहित है तो समाज की रूढ़ियां व बाधाएं बेमानी हो जाती हैं। खासकर बेटियों की शिक्षा से तो कई पीढ़ियां शिक्षित हो जाती हैं। निस्संदेह, उच्च शिक्षा जहां रोजगार के द्वार खोलती है वहीं व्यक्ति के दृष्टिकोण में व्यापकता लाती है.......
