कैसे हुई थी ओलंपिक की शुरुआत

ओलंपिक अधिकारियों ने टोक्यो की सराहना अब तब के सबसे अच्छे मेजबान शहर के रूप में की थी, लेकिन कोई भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने की योजना नहीं बना सका, जिससे 2020 खेलों के अभूतपूर्व स्थगन के लिए मजबूर होना पड़ा। आयोजकों ने तैयारियों से सबका दिल जीता, लेकिन वायरस से हार गया। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मंगलवार को आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक से चर्चा कर इन खेलों को अगले साल तक टालने का फैसला कर लिया। यह पहला मौका है जब किसी बीमारी की वजह से खेलों का महाकुंभ कहलाए जा.......

इंतजार अमित पंघाल के स्वर्णिम पंचों का

आखिर परिवार की त्याग-तपस्या रंग लाई है, अभावों की तपिश ने अमित पंघाल के घूसों में इतनी ताकत भर दी कि वह टोक्यो ओलंपिक के लिये अपना टिकट बुक करा चुका है। जब ओलंपिक के लिये मुकाबला जीतने की खबर आई तो उसके गांव में होली से पहले ही रंगों की रंगत नजर आई। जब छोटी-सी खेती में गुजर-बसर नहीं हुई तो अमित के पिता विजयेंद्र सिंह ने ट्रक चलाकर परिवार की जरूरतें पूरी कीं। .......

अपना आकाश पाने की जद्दोजहद

कह सकते हैं ये आस्ट्रेलिया का सुपर संडे था। उनका लंबा अनुभव था, घरेलू मैदान था तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिये मेलबार्न क्रिकेट ग्राउंड में पहली बार रिकॉर्ड 86 हजार दर्शक थे। हां, भारतीय महिला क्रिकेटरों का बल्ला नहीं चला। शायद रविवार उनका दिन नहीं था। पूरे टूर्नामेंट में यदि कप्तान सिर्फ तीस रन ही बना पाये तो टीम के मनोबल पर असर पड़ना स्वाभाविक था। आस्ट्रेलिया ने टॉस भी जीता और मैच भी। पांचवीं बार .......

रुतुजा के दम पर भारत ने कोरिया को 2-1 से हराकर फेड कप के प्लेऑफ की उम्मीदें रखी जिंदा

नई दिल्ली। रुतुजा भोंसले के दम पर भारत ने कोरिया को 2-1 से हराकर फेड कप के प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें जिंदा रखी हैं। रुतुजा ने अपने से ऊंची रैंकिंग की सु जिओंग जंग को 7-5,6-4 से पराजित कर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई। अंकिता रैना को ना-ला हान से 4-6, 0-6 से हार मिली और स्कोर एक-एक से बराबर हो गया। हालांकि इसके बाद अंकिता ने सानिया मिर्जा के साथ मिलकर युगल मुकाबले में ना-रि किम और हान को 6-4,6-4 से हराकर भारत को 2-1 से जीत दिला दी। स.......

अब तक भारतीय महिला खिलाड़ियों ने जीते 698 पदक

खेलों मेें महिला शक्ति का कमाल नई दिल्ली। साल 1951 से अब तक अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने 698 पदक जीते हैं। पदकों की संख्या के बारे में बीबीसी का विश्लेषण बताता है कि 5 नवंबर 2019 तक भारतीय महिला खिलाड़ियों ने 201 स्वर्ण, 240 रजत और 257 कांस्य पदक जीते हैं। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने कहां सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया? सबसे ज्यादा पदक एशियाई ग्रीष्मकालीन खेलों में जीते गए। 1951 से भार.......

बहुत से खेलों का जन्मदाता है भारत

योग कला का उद्भव भारत में हुआ श्रीप्रकाश शुक्ला हर जीव अपने जीवनकाल से ही खिलाड़ी होता है। खेलों से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी होता है। भारत खेलों में बेशक विश्व शक्ति न हो लेकिन बहुत से खेलों का भारत ही जन्मदाता है। क्या आप जानते हैं कि कौन-कौन से खेल भारतीयों ने खोजे। देखा जाए तो अंग्रेजों और अरबों के विजयी अभियान के बाद भारत के गौरवपूर्ण इत.......

एनडीटीएल से नहीं हटेगा प्रतिबंध

वाडा ने 38 में से 12 सैम्पलों पर जताया शक खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की ओर से नेशनल डोप टेस्ट लैबोरेटरी (एनडीटीएल) पर लगाए गए प्रतिबंध हटने की उम्मीदें बुरी तरह चरमरा गई हैं। एनडीटीएल की ओर से किए गए आईसोटोप रेश्यो मॉस स्पेक्ट्रोमेट्री (आईआरएमएस) की टेस्टिंग में पॉजिटिव पाए गए चार खिलाड़ियों के सैम्पल वाडा की टेस्टिंग में नेगेटिव पाए गए हैं। इन चारों खिलाड़ियों पर नाडा की ओर से प्रतिबंध लगाया जा चुका .......

खिलाड़ी माता-पिता के पदचिह्नों पर चलती पंजाबी कुड़ी

नित नई पटकथा लिख रही हरमिलन श्रीप्रकाश शुक्ला हर इंसान में प्रतिभा होती है और वह अपने जीवन में सफल भी होना चाहता है लेकिन सभी के सपने साकार नहीं होते। वैसे तो सफलता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती लेकिन आमतौर पर अपने जीवन में निर्धारित किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति ही सफलता कहलाती है। व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाये तो अधिकांश लोग पारिवारिक जीवन में सुख-श.......

समय से पहले खेलों को कहा अलविदा

खेलपथ प्रतिनिधि खेल की दुनिया में लम्बे समय तक बने रहना अपने आप में एक चुनौती होती है। इस दौरान खिलाड़ियों को ना सिर्फ अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होता है बल्कि बढ़ती उम्र के बीच अपने खेल और प्रदर्शन के स्तर को भी बरकरार रखना होता है, और ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति में खिलाड़ी अक्सर कम उम्र में ही खेल को अलविदा कह देते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण बनी थीं पूर्व चैम्पियन रूस की मारिया शारापोवा जिन्होंने मात्र 32 वर्ष.......

समय से पहले खेलों को अलविदा

खेलपथ प्रतिनिधि खेल की दुनिया में लम्बे समय तक बने रहना अपने आप में एक चुनौती होती है। इस दौरान खिलाड़ियों को ना सिर्फ अपनी फिटनेस पर ध्यान देना होता है बल्कि बढ़ती उम्र के बीच अपने खेल और प्रदर्शन के स्तर को भी बरकरार रखना होता है, और ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति में खिलाड़ी अक्सर कम उम्र में ही खेल को अलविदा कह देते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण बनीं थी पूर्व चैम्पियन रूस की मारिया शारापोवा जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की आयु में टेनिस जगत को अलविदा .......