पहलवान बजरंग पूनिया ने डोप सेम्पल देने से किया इंकार

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने अस्थायी रूप से किया निलम्बित
खतरे में पड़ी पेरिस ओलम्पिक की दावेदारी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने बड़ा फैसला लेते हुए पहलवान बजरंग पूनिया को अस्थायी रूप से निलम्बित कर दिया है, जिससे अब इस स्टार पहलवान की पेरिस ओलम्पिक के लिए दावेदारी खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है। नाडा का यह आदेश 10 मार्च को सोनीपत में चयन परीक्षण के दौरान पूनिया के मूत्र का नमूना जमा करने में विफल रहने के बाद आया है। कुछ महीने बाद बजरंग पूनिया ने एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्सपायर होने का आरोप लगाया था, इसके बाद उन्होंने सोनीपत में टेस्ट के दौरान सेम्पल देने से इनकार कर दिया था।
नाडा ने अपने बयान में कहा, 'नीचे पैराग्राफ 4:1:2 के अधीन और एनएडीआर 2021 के अनुच्छेद 7.4 के अनुसार, आपको इस मामले में सुनवाई में अंतिम निर्णय से पहले किसी भी प्रतियोगिता या गतिविधि में भाग लेने से तुरंत अस्थायी रूप से निलम्बित कर दिया जाता है।' यदि आरोप बरकरार रहते हैं, तो टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाले पूनिया को अगले महीने होने वाले चयन ट्रायल से रोक दिया जाएगा। अभी तक किसी भी भारतीय ने 65 किलोग्राम वर्ग में कोटा नहीं जीता है। सुजीत कलकल 9 मई से इस्तांबुल में शुरू होने वाले विश्व क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
दिलचस्प बात यह है कि निलम्बन पत्र यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त महासंघ के बजाय भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की अब समाप्त हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। डोप संग्रहकर्ता अधिकारी की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बजरंग पूनिया यह बताए जाने के बावजूद चले गए कि इनकार करने पर डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के लिए उन्हें नोटिस दिया जाएगा।
डीसीओ की रिपोर्ट में कहा गया है, 'अपने समर्थकों से घिरे बजरंग पूनिया ने लगातार अपना बयान दोहराया और डोप सेम्पल देने से इनकार करते हुए तुरंत कार्यक्रम स्थल से चले गए।' पूनिया को सहायक दस्तावेजों के साथ अपने मूत्र का नमूना देने से इनकार करने के लिए 7 मई तक लिखित स्पष्टीकरण भेजने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है, 'यदि आप टेस्ट को स्वीकार करते हैं, तो अपील के अधिकार के अधीन, मामले को आगे की अनुशासनात्मक कार्यवाही के बिना हल किया जाएगा। यदि आप असहमत हैं, तो मामले को निर्णय के लिए डोपिंग रोधी अनुशासनात्मक पैनल के पास भेजा जाएगा।

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