ओलम्पिक कोटा विजेताओं को मिली ट्रायल से छूट

यह विशेष परिस्थितियों में लिया गया फैसला है
खेलपथ संवाद
नयी दिल्ली।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को ओलम्पिक कोटा विजेता सभी छह पहलवानों को चयन ट्रायल से छूट दे दी लेकिन उनके फॉर्म और फिटनेस का आकलन आगामी रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट और हंगरी में अभ्यास शिविर में होगा। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि यह विशेष परिस्थितियों में लिया गया फैसला है और इसे भविष्य के लिये परिपाटी नहीं माना जाना चाहिये। 
डब्ल्यूएफआई ने यह भी कहा कि अगर किसी भी पहलवान की फिटनेस में कमी पाई गई तो महासंघ आठ जुलाई से पहले ट्रायल के जरिये विकल्प के बारे में सोचेगा। प्रविष्टियां भेजने की आखिरी तारीख आठ जुलाई है। भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिये छह कोटा हासिल किये हैं जिनमें अमन सेहरावत (57 किलो) अकेले पुरूष पहलवान हैं। विनेश फोगाट (50 किलो), अंतिम पंघाल (53 किलो), अंशु मलिक (57 किलो), निशा दहिया (68 किलो) और रीतिका हुड्डा (76 किलो) ने भी क्वालीफाई किया है। पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई से ट्रायल नहीं कराने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि इससे चोट का खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने इसे स्वीकार कर लिया।
कोटा विजेता बुडापेस्ट में छह से नौ जून तक यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज में भाग लेंगे। इसके बाद 10 से 21 जून तक अभ्यास शिविर लगाया जायेगा। सिंह ने कहा ,‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी पहलवान को चोट न लगे। इसलिये ट्रायल की जगह भारतीय कोच कोटा विजेताओं का आकलन रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट और अभ्यास शिविर में करेंगे। अगर कोई फिट नहीं है तो उसके विकल्प पर विचार किया जा सकता है। इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया (57 किलो) और सरिता मोर (57 किलो) के लिये रास्ते भी बंद हो गए जो ट्रायल की तैयारी कर रहे थे।

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