मुश्किल में फंसे लखनऊ के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी

ग्रीनपार्क एस्ट्रोटर्फ निर्माण का मामला बना गले की फांस

पूर्व जिलाधिकारी विशाखजी ने की थी निलम्बन की संस्तुति

                                       खेलपथ संवाद         

कानपुर। इस समय लखनऊ के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी पर मुसीबतों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। लखनऊ में रहते जहां उनकी कई शिकायतें प्रमुख सचिव खेल, खेल निदेशालय लखनऊ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच चुकी हैं वहीं कानपुर के ग्रीनपार्क एस्ट्रोटर्फ निर्माण का मामला भी उनके गले की फांस बन चुका है। इस मामले की एक बार जांच होने के बाद कानपुर के पूर्व जिलाधिकारी विशाखजी ने जहां शासन को उनके निलम्बन की संस्तुति की थी वहीं एक बार फिर से इसकी जांच शुरू हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार 2019 में ग्रीनपार्क स्टेडियम में हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ बिछाई गई थी, जिसमें कई खामियां होने की शिकायत के बाद जांच हुई जिसमें पाया गया कि शिकायत सही है। तब पूर्व जिलाधिकारी विशाखजी ने उत्तर प्रदेश शासन को तत्कालीन क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी कानपुर को कसूरवार मानते हुए उनके निलम्बन की संस्तुति की गई थी लेकिन जुगाड़ लगाने में माहिर सेठी ने मामले को रफा-दफा करवाने की अनहक कोशिश की। खैर, एक बार फिर से मामला जांच की जद में आ गया है।

शुक्रवार को खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश की तरफ से उप निदेशक खेल एस.एस. मिश्रा को पुनः जांच के लिए भेजा गया। श्री मिश्रा ने ग्रीनपार्क में मौजूद उप निदेशक खेल आर.एन. सिंह से उस समय की पत्रावलियों के बारे में जानकारी जुटाई। गौरतलब है कि इस एस्ट्रोटर्फ निर्माण में खामियां मिलने पर शासन स्तर से पहले भी जांच बैठाई गई थी। उस समय के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी पर आरोप लगा था कि वह अपने साथ ही यहां की पत्रावली ले गये हैं। पूर्व जिलाधिकारी विशाखजी के आदेश पर एसीएम तृतीय के नेतृत्व में बनी जांच कमेटी ने पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी को दोषी मानकर उनके निलम्बन के साथ ही विभागीय कार्यवाही की संस्तुति शासन से की थी।

इसी जांच को पूरा करने के लिए खेल विभाग की ओर से उप निदेशक खेल एस.एस. मिश्रा शुक्रवार को जांच के लिए ग्रीनपार्क पहुंचे। उन्होंने यहां के उप निदेशक आर.एन. सिंह से पूरे मामले को जाना और शासन की ओर से मौजूद फाइलों को जांच समिति के अधिकारी को सौंपा। ज्ञात हो कि 2019 में ग्रीनपार्क स्टेडियम में 5 ए-साइड हॉकी एस्ट्रोटर्फ का निर्माण हुआ था। जानकारी के अनुसार इस पर 1.53 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

एस्ट्रोटर्फ निर्माण में खामियों को पर पूर्व जिलाधिकारी ने एसीएम तृतीय के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता निचली गंगा नहर और अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी की तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराई थी। कमेटी ने हर बिंदु पर जांच की और पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी के खिलाफ निलम्बन की संस्तुति की थी। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जरूरी दस्तावेज कार्यालय से गायब होने के संबंध में क्षेत्रीय खेल कार्यालय ग्रीनपार्क के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई। अलबत्ता ग्रीनपार्क में तैनात रहे अफसर मामले को दबाए रहे। इस पर तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराई जानी चाहिए। एस्ट्रोटर्फ की जांच में कमेटी के सामने उप निदेशक खेल आर.एन. सिंह की गैरमौजूदगी में कनिष्ठ सहायक राम मनोज के बयान भी दर्ज हुए थे। जिसमें कहा गया कि पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी एस्ट्रोटर्फ से संबंधित पत्रावली अपने साथ ले गए हैं। सेठी का तबादला आठ जून, 2020 को चित्रकूट हो गया था।

इस एस्ट्रोटर्फ मामले पर उप निदेशक एस.एस. मिश्रा का कहना है कि कुछ पत्रावली प्राप्त हुई हैं, लेकिन मूल पत्रावली अभी प्राप्त नहीं हुई है। उसके लिए नगर निगम से जल्द ही सम्पर्क किया जाएगा। उनका कहना है कि ग्रीनपार्क स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण नगर निगम द्वारा करवाया गया था।

इस मामले में अजय कुमार सेठी का कहना है कि कानपुर के ग्रीनपार्क में एस्ट्रोटर्फ 14वें वित्त आयोग से नगर निगम की ओर बिछवाई गई थी। ग्रीनपार्क की ओर से सिर्फ प्रस्ताव दिया गया था। बाकी फाइलों के संबंध में मुझसे किसी प्रकार का सम्पर्क नहीं किया गया है। पत्रावली नगर निगम के पास है, इसमें शासन व खेल विभाग को नगर निगम से सम्पर्क करना चाहिए।

 

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