सुंदरगढ़ की दीप ग्रेस एक्का को उम्मीद भारत करेगा कमाल

रियो ओलम्पिक में भी कर चुकी हैं भारत का प्रतिनिधित्व
खेलपथ संवाद
राउरकेला।
हॉकी के गढ़ सुंदरगढ़ से एकमात्र महिला हॉकी खिलाड़ी दीप ग्रेस एक्का को टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। शुरुआती मैचों में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन से जिले के हॉकी प्रेमी मायूस थे, लेकिन सोमवार को विश्व में हॉकी के लिए सबसे मजबूत मानी जाने वाली ऑस्ट्रेलिया टीम को हराने पर इनमें काफी खुशी देखी गई। राउरकेला स्पोर्ट्स हॉस्टल एवं साई सुंदरगढ़ से जुड़े पूर्व खिलाड़ी व खेलप्रेमियों में हर्ष का माहौल देखा गया। जैसे ही भारतीय टीम ने जीत दर्ज की, वैसे ही लोगों ने अपने-अपने तरीके से खुशी का इजहार किया।
2013 में महिला विश्व कप, 2014 व 2018 में एशियन गेम्स, 2016 में रियो ओलम्पिक में दीप ग्रेस एक्का ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनके पास दो सौ से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव है। उनका सम्मान करते हुए दक्षिणी रेलवे मुंबई में नौकरी मिली है। ओलम्पिक के लिए भारतीय टीम के चयन के दौरान ओडिशा की अनुभवी खिलाड़ियों के चयन की उम्मीद थी, लेकिन केवल दीप ग्रेस को ही इसके लिए मौका मिला। डिफेंडर दीप ग्रेस के आकर्षक बचाव के कारण ऑस्ट्रेलिया के हर प्रयास विफल हुए और जीत दर्ज कर भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। रोमांचक मैच में जीत के साथ ही जिले के खेलप्रेमियों में ऐसा माहौल रहा कि वास्तव में भारतीय टीम ने ओलम्पिक का फाइनल जीत लिया है।
साई सुंदरगढ़ के कोच और दीप ग्रेस के पूर्व कोच पीके षाड़ंगी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारत का प्रदर्शन अद्भुत रहा है। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के विरुद्ध एक गोल की बढ़त को बनाये रखने लिये भारतीय रक्षक पंक्ति को बहुत बहुत बधाई। इसमें सुंदरगढ़ की दीपग्रेस एक्का ने शानदार भूमिका निभाई। उसने कम से कम छह सात मौकों पर दल से खतरे को सफलतापूर्वक दूर किया। हमारी महिला दल ने जिस फिटनेस स्तर को दर्शाया है वह शानदार है। उसके लिए कोच शुआर्ड मारिने और अन्य कोचिंग स्टाफ प्रशंसा के हकदार हैं। सेमीफाइनल में अगर भारत पहले दो क्वार्टर में अपने को सुरक्षित रख सका तो भारत फाइनल में जा सकता है।"
वहीं, भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी और दीप ग्रेस के भाई दिनेश एक्का ने कहा, "मैं और हमारे परिवार के सभी लोग अत्यंत खुश हैं। ओलम्पिक में महिला दल सेमीफाइनल में पंहुचेगा इसकी कल्पना नहीं की थी। दल की सभी खिलाड़ी बहुत अच्छा खेले। बहन दीपग्रेस ने बहुत अच्छे खेल का प्रदर्शन किया। उसने कई खतरनाक हमलों से दल को बचाया। सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद हम आशा करते हैं कि दल फाइनल में पहुंचेगा। दल को पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलने पर ध्यान दिया चाहिए।"
सुंदरगढ़ जिले के बालीशंकरा ब्लॉक के दूरदराज के गांव लुलकीडीह में मध्यम परिवार में जन्म लेने वाली 27 वर्षीय दीप ग्रेस एक्का तीन भाईयों व तीन बहनों में सबसे छोटी हैं। 12 साल के उम्र तक उन्होंने हॉकी स्टिक तक नहीं पकड़ा था। उन्होंने 2006 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया अधीनस्थ सुंदरगढ़ स्पोर्ट्स हॉस्टल में आकर अभ्यास शुरु किया। 2007 से 2010 तक यहां कोच तेज कुमार खेस, कोच पीके षडंगी, लुसिया एक्का से भी उन्होंने प्रशिक्षण लिया है। 2011 में अंडर-18 एशिया कप में भारत को कांस्य पदक दिलाने के बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा।

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